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कुछ देर के रेस्क्यू ऑपरेशन को रोक दिया गया है। मंगलवार रात से लगातार ऑगर मशीन से ड्रिलिंग के बाद हल्का मलबा गिरने लगा था। जिसके बाद अब ड्रिलिंग को कुछ देर के लिए रोका गया है।अभी यहां नौवां पाइप डाला जा रहा था। इसके बाद एक और पाइप डाला जाना है।
सिलक्यारा में सुरंग की खुदाई के लिए गुजरात के वापी से ड्रिलिंग मशीन लेकर मालगाड़ी ऋशिकेश पहुंची। दो ड्रिलिंग मशीनों को ट्रकों के माध्यम से सिलक्यारा भेजा जा रहा है।
बचाव अभियान को लेकर अगले करीब दस घंटे अहम हैं। टनल से जैसे-जैसे मजदूरों के बाहर आने की उम्मीद बढ़ रही है, वैसे ही उनके प्राथमिक उपचार की भी तैयारी तेज हो गई है। यहां अस्थायी अस्पताल बनाया गया है, जिसमें आठ बेड लगाए गए हैं। यहां से करीब चार किलोमीटर दूर हेलिपैड बना है, जहां से श्रमिकों को एयरलिफ्ट करके एम्स ले जाया जा सकता है। उत्तरकाशी जिला अस्पताल में भी 45 बेड अलग से रिजर्व कर दिए गए हैं।
सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को बचाने के लिए मंगलवार रात भर ड्रिलिंग का काम चला। ऑगर मशीन से 800 एमएम के छह पाइप डाले जा चुके हैं। 36 मीटर तक ड्रिलिंग की जा चुकी है। सातवें पाइप की वेल्डिंग का काम चल रहा है। ड्रिलिंग सकारात्मक दिशा में बढ़ रही है। अब सुरंग में करीब 20 से 22 मीटर की दूरी रह गई है। मजदूर करीब 56 मीटर अंदर हैं। ऐसे में रेस्क्यू आपरेशन के लिए आज का दिन अहम है।
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