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लोकसभा चुनाव 2024 :दूर का वोटर भी है दमदार...सियासीबाजी पलटने का रखते दम, उत्तराखंड में सभी राजनीतिक दलों की इन पर नजर

उत्तराखंड में दूर के वोट कहे जाने वाले पोस्टल बैलेट यानी डाक मतपत्र भी सियासी बाजी पलटने का माद्दा रखते हैं। हर घर फौजी वाले राज्य में 2008 का लोकसभा उपचुनाव हो या राज्य में 2022 में हुए विधानसभा चुनाव, हर बार इन पोस्टल बैलेट ने अपनी ताकत का अहसास कराया है। इस बार लोकसभा चुनाव में प्रदेश में 93,187 सर्विस मतदाता हैं, जिनके लिए ई-पोस्टल बैलेट प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। सभी राजनीतिक दलों की नजर इन पर है।

2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को सबसे ज्यादा पोस्टल बैलेट मत मिले। कांग्रेस दूसरे व आप तीसरे स्थान पर रही। अल्मोड़ा जैसी कई विधानसभा सीटों पर पोस्टल बैलेट के वोटों ने हार-जीत तय की। एक लाख सात हजार से ज्यादा मत पोस्टल बैलेट से पड़े थे। इनमें भाजपा को 42,593 वोट पड़े, जबकि कांग्रेस को 33,504 वोट पड़े थे ऐसे बहुत सारे लोग हैं, जिनके लिए चुनाव में वोट डालना संभव नहीं है। इनमें सबसे प्रमुख वे सैनिक हैं, जो देश की सीमा पर तैनात हैं। सैनिक अपने गृहनगर पर जाकर वोट नहीं ही दे पाते। पोस्टल बैलेट की धारणा मुख्यत: इनके लिए ही बनी है। सैनिकों के अलावा वे सरकारी कर्मचारी और पुलिस और अन्य सुरक्षाकर्मी भी होते हैं, चुनाव में ड्यूटी करते हैं। ये लोग भी अपने क्षेत्र में जा कर वोट नहीं दे पाते हैं।

क्या होता है पोस्टल बैलेट

चुनाव आयोग यह पहले ही तय कर लेता है कि किन लोगों को और कितने लोगों को पोस्टल बैलेट देना है। इसके बाद इन्हीं लोगों को कागज में मुद्रित खास मतपत्र भेजा जाता है, जो पोस्टल बैलेट होता है। यह प्रक्रिया इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांस्मिटेड पोस्टल बैलेट सिस्टम (ईटीपीबीएस) होती है। इस मतपत्र को प्राप्त करने वाला नागरिक अपने पसंदीदा प्रत्याशी को चुन कर इलेक्ट्रॉनिक या डाक से चुनाव आयोग को लौटा देता है।चुनाव आयोग अपनी नियमावली 1961 के नियम 23 में संशोधन कर लोगों को पोस्टल बैलेट या डाक मतपत्र की मदद से चुनाव में वोट डालने की सुविधा देता है। मतगणना के दौरान सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती शुरू होती है। इसके बाद ईवीएम में दर्ज वोटों की गिनती की जाती है।

उत्तराखंड में 93,187 सर्विस मतदाता

राज्य के लोकसभा चुनाव में इस बार 93,187 सर्विस मतदाता हैं, जिनके लिए ई-पोस्टल प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। इनमें गढ़वाल लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा 34,845 सर्विस मतदाता हैं। टिहरी लोकसभा सीट पर 12,862, अल्मोड़ा लोकसभा सीट पर 29,105, नैनीताल-ऊधमसिंह नगर सीट पर 10,629 और हरिद्वार लोकसभा सीट पर 5746 सर्विस मतदाता शामिल हैं।

 

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