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भू-धंसाव के बाद जोशीमठ के कई वार्डों में 181 भवन असुरक्षित घोषित किए गए थे। इन मकानों में रहने वाले परिवार राहत शिविरों में चले गए थे, जिनमें से 24 परिवार ऐसे हैं, जो अभी तक किराये के मकानों में रह रहे हैं। उन्होंने घर का कुछ सामान तो बेच दिया था, जबकि बचा सामान क्षतिग्रस्त मकानों में ही रखा है, जबकि तहसील प्रशासन ने बीते वर्ष नवंबर तक का तो किराया दिया, लेकिन अब किराया भी खुद देना पड़ रहा है। आपदा प्रभावितों का कहना है कि आपदा ने घर छीन लिया, जिससे किराये के मकान में रहने के लिए मजबूर हैं।
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