उत्तराखंड बोर्ड के विद्यालयों को सीबीएसई बोर्ड से चलाए जाने का अनुभव ठीक नहीं रहा। इन विद्यालयों 12 वीं के आधे बच्चे परीक्षा में फेल हो गए।
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प्रदेश के 186 अटल उत्कृष्ट विद्यालयों की इस साल केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबद्धता समाप्त नहीं होगी। शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत के मुताबिक, इन विद्यालयों को लेकर हर स्कूल के शिक्षकों और अभिभावकों के सुझाव लिए जा चुके हैं, जिसे कैबिनेट में रखा जाएगा, लेकिन छात्र हित में इस साल बोर्ड नहीं बदला जाएगा। जो भी निर्णय होगा अगले शिक्षा सत्र के लिए होगा।
इसके अलावा इन स्कूलों में पहले से तैनात एवं बाद में चयनित शिक्षकों के सामने दोहरी व्यवस्था बन गई है। स्कूलों में चयनित होकर आए शिक्षकों की एक साल की सुगम सेवा दो साल की दुर्गम सेवा माना जा रही, जबकि इन स्कूलों में पहले से तैनात शिक्षकों को लाभ नहीं मिल रहा। उनकी एक साल की सुगम की सेवा को एक साल की सुगम सेवा के रूप में जोड़ा जा रहा है। विभाग में ऐसी दोहरी व्यवस्था से शिक्षकों में नाराजगी है।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, अटल उत्कृष्ट विद्यालयों के बोर्ड को लेकर विभाग ने एक सर्वे कराया है। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, 55 विद्यालयों का कहना है कि विद्यालयों की सीबीएसई से संबद्धता समाप्त कर उन्हें फिर से उत्तराखंड बोर्ड में शामिल किया जाए, जबकि 45 विद्यालय चाहते हैं कि विद्यालयों को सीबीएसई बोर्ड से ही चलने दिया जाए। सीबीएसई से परीक्षा फार्म भरे जा चुके हैं। इस साल अब बोर्ड नहीं बदला जाएगा। व्यवस्था यदि बदलेगी तो अगले साल के लिए बदलेगी। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, 186 अटल उत्कृष्ट विद्यालयों को 600 शिक्षक मिलेंगे। इन विद्यालयों के लिए शिक्षकों की स्क्रीनिंग परीक्षा हो चुकी है। जल्द ही इसका परिणाम जारी कर शिक्षकों की तैनाती की जाएगी।
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