ख्यालों की दुनिया मैं बसेरा ऐसा होगा ,
जहाँ सिर्फ तुम्हारा और मेरा ढेरा होगा |
ख्यालों की खूबसूरती और हकीकत की रंजिश
दोनों ही बिछड़े हुए लेला मजनू की तरह
ख्याल कुछ और हकीकत कुछ और हो जाती |
ख्यालों की दुनिया मैं बरेसा ऐसा होगा ,
जहाँ सिर्फ तुम्हारा और मेरा ढेर होगा |
ख्याल-ख्याल ही रह जाता हैं ,
हकीकत कुछ और बन जाती हैं |
ये ज़िन्दगी भी एक जुयेकी तरहा है जनाब ,
पासा लग गया तो ख्याल हकीकत बन गया
पासा पलट गया तो ख्याल-ख्याल ही रह गया |
ख्यालों की दुनिया मैं बसेरा ऐसा होगा ,
जहाँ सिर्फ तुम्हारा और मेरा ढेरा होगा |
ये क्या प्रेम कहानी है, ख्याल की हकीकत
के साथ ,
कि दोनों कभी मिल ही नहीं पाते हैं |
ये क्या खेल है मुकदर का ,
ख्याल-ख्याल ही रह जाता है, हकीकत |
लेखिका:- पुजा पँवार रमोला
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