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क्यो करता अभिमान हैं बन्दे - पूजा

क्यो करता अभिमान हैं बन्दे ,

इस जग से तेरा क्या नाता |

तू इस जग मैं बस ,

माध्यम हैं कर्म का |

और कर्म का ही उजियारा ||


क्यों करता अभिमान हैं बंदे

इस जग से तेरा क्या नाता |


अगर भरोसा करना हैं तो ,

अपनी करणी पर ही कर |

क्यों भाग्य के भरोसे बैठे , 

अपना समय गवाता हैं |

करणी  मानुषीय के अधीन हैं ,

भाग्य प्रभु के अधीन हैं |

एसलिए जो तेरे अधीन हैं |

उस पर ही तू कार्य कर


क्यों करता अभिमान हैं बन्दे ,

इस जग से तेरा क्या नाता |


तेरी करणी का फल तुझको,

एक दिन अवश्य मिलेगा |

करणी को फल मैं बदलने मैं ,

समय अधिक लगता हैं |

लेकिन अच्छे कर्म का फल ,

भी तो अच्छा ही मिलता हैं |

तू बस धैर्य रख स्वयं पर,

एक दिन तेरा भी समय आयेगा |

चारों तरफ शोर होगा |

तेरा नाम भी गुंजेगा | 

लेखिक:-  पूजा पँवार रमोला 



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