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भगवान मद्महेश्वर मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए आज बुधवार को सुबह 8.30 बजे शुभ लग्न परबंद कर दिए

द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर मंदिर के कपाट आज बुधवार को सुबह 8.30 बजे शुभ लग्न पर विशेष पूजा-अर्चना के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए

Source:-  Google Source


 दानी-दाताओं के सहयोग से मंदिर को पांच क्विंटल फूलों से सजाया गया है। अब द्वितीय केदार मद्महेश्वर चल उत्सव डोली में विराजमान होकर मंदिर की परिक्रमा और अपने ताम्र पात्रों के निरीक्षण करते हुए शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान करेगी।

इसके बाद वह पहले रात्रि प्रवास पर गौंडार गांव पहुंचेंगे। जहां पर ग्रामीणों द्वारा अपने आराध्य को सामूहिक अर्ध्य लगाया जाएगा। 23 नवंबर को डोली रांसी गांव पहुंचेगी। जबकि 25 को शीतकालीन गद्दीस्थल में विराजमान होगी।

च केदार में द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट बुधवार को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इस वर्ष अभी तक यहां रिकाॅर्ड 12,879 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। उत्तराखंड राज्य निर्माण के बाद यह पहला मौका है, जब इतनी अधिक संख्या में शिव भक्त यहां पहुंचे हैं।गौंडार गांव के ग्राम प्रधान वीर सिंह पंवार, विशंभर सिंह पंवार, एसएन सिंह पंवार आदि ने बताया कि उत्तराखंड राज्य निर्माण के बाद यह पहला मौका है, जब द्वितीय केदार मद्महेश्वर में दर्शनार्थियों की संख्या पांच अंकों में पहुंची है। इससे पूर्व प्रतिवर्ष दो से ढाई हजार श्रद्धालु ही यहां दर्शन को पहुंच पाते थे। वहीं, द्वितीय केदार के मुख्य पुजारी बागेश लिंग ने बताया कि इस वर्ष पूरे यात्राकाल में कम से कम 50 से 60 श्रद्धालु रोज मंदिर में पहुंचे हैं। 

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